Wednesday, August 28, 2019
Saturday, August 3, 2019
गिरनार के गिरनारी नमो नमः
श्री स्वामी समर्थ
नाम तेरा मैं खुळा लेके चलूं,
दर पर तेरे ए गिरनारी.
आस ना कोई हे मन मे मेरे,
दर्शन दे रे गिरनारी.
देख लु तुझको जी भर के मैं,
दर्शन को तेरे लाखो खड़े है.
अवधूत है तू रे तुही रे दिगंबर,
समाले हे गिरनारी खुळाको तेरे अंदर.
नाम जपु मैं तेरा गिरनारी,
सारे जगत भर सत्ता है तेरी.
दत्त दत्त बोले भक्त ये सारे,
लगते है सारे ये तुझको ही प्यारे.
भूल चला मैं मेरे ही मन को,
तन मन धन सारा दे दिया तुझको.
ओ गिरनारी तेरे गिरनार आउ मैं,
बार-बार-बार गिरनार आऊ मे.
जब तू ना समाये मुझमे गिरनारी,
लगी है मन मे नाम की भूख ये प्यारी.
तेरा चसका मदिरा से भी नशीला है,
दस हजार पायरी पे ना किसका वशिला है.
गुरुओंके गुरू तुम हे दत्त महाराज,
दत्त दिगंबर अवधुत यही तुम्हारा साज.
झोली मे तेरे है सारा संसार समाया,
कमंडलू भर भर के तुने है प्यार लुटाया.
तुने जीसका भी रे हाथ है थामा,
वह भक्त पहचान गया इस संसार की मोह माया.
हे गिरनारी हे प्रभु शरण मे लो, ना दूर करो,
भक्त ये भुखे हे तेरे प्यार को, ये तडप दूर करो.
कलियुग का अंत करो भगवंत,
शक्ती मे समाओ नया रूप लो भगवंत.
स्वामीभक्त(खुळा)
श्री रितेश र. वेदपाठक
7972033197
नाम तेरा मैं खुळा लेके चलूं,
दर पर तेरे ए गिरनारी.
आस ना कोई हे मन मे मेरे,
दर्शन दे रे गिरनारी.
देख लु तुझको जी भर के मैं,
दर्शन को तेरे लाखो खड़े है.
अवधूत है तू रे तुही रे दिगंबर,
समाले हे गिरनारी खुळाको तेरे अंदर.
नाम जपु मैं तेरा गिरनारी,
सारे जगत भर सत्ता है तेरी.
दत्त दत्त बोले भक्त ये सारे,
लगते है सारे ये तुझको ही प्यारे.
भूल चला मैं मेरे ही मन को,
तन मन धन सारा दे दिया तुझको.
ओ गिरनारी तेरे गिरनार आउ मैं,
बार-बार-बार गिरनार आऊ मे.
जब तू ना समाये मुझमे गिरनारी,
लगी है मन मे नाम की भूख ये प्यारी.
तेरा चसका मदिरा से भी नशीला है,
दस हजार पायरी पे ना किसका वशिला है.
गुरुओंके गुरू तुम हे दत्त महाराज,
दत्त दिगंबर अवधुत यही तुम्हारा साज.
झोली मे तेरे है सारा संसार समाया,
कमंडलू भर भर के तुने है प्यार लुटाया.
तुने जीसका भी रे हाथ है थामा,
वह भक्त पहचान गया इस संसार की मोह माया.
हे गिरनारी हे प्रभु शरण मे लो, ना दूर करो,
भक्त ये भुखे हे तेरे प्यार को, ये तडप दूर करो.
कलियुग का अंत करो भगवंत,
शक्ती मे समाओ नया रूप लो भगवंत.
स्वामीभक्त(खुळा)
श्री रितेश र. वेदपाठक
7972033197
Subscribe to:
Comments (Atom)




